कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से एक बेहद ही दुखद खबर सामने आ रही है। जहां स्थित डॉ राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में एक नवजात शिशु की हुई मौत पर उसके परिजनों ने ऑपरेशन के दौरान नवजात के सिर पर गहरा कट लगने के कारण उसकी मौत होने का आरोप लगाया है। हारचक्कियां-दुराना के निवासी कैप्टन रशपाल सिंह ने इस मामले के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि उनका नवजात पोता 13 अगस्त को डाक्टरों की लापरवाही के कारण इस दुनिया को छोड़ गया।
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कैप्टन रशपाल सिंह ने मामले का विस्तार से ब्योरा देते हुए बताया कि उनकी बहू की डिलीवरी की डेट डाक्टरों ने 5 अगस्त बताई थी तथा 5 तारीख को वह अपने बेटे व बहू के साथ टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने आगे बताया कि उनकी बहू को उस दिन प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि 6 तारीख को भी वह प्रसव पीड़ा में थी और दोपहर को लगभग एक बजे के बाद डाक्टरों ने उन्हें अंदर बुलाया।
औजारों का प्रयोग कर बच्चे को निकाला, इसी दौरान लगा कट
उनका कहना है कि एक डाक्टर ने उन्हें बताया कि अगर वह महिला को दर्द निवारक टीका दे देते है तो महिला की डिलीवरी पेनलैस हो जाएगी। उसके बाद डाक्टरों ने उनकी पत्नी को लेबर रूम में बुलाया। बकौल, कैप्टन रशपाल सिंह उनकी पत्नी को बताया गया कि महिला दर्द नहीं ले पा रही है, इसलिए बच्चे को बाहर आने में मुश्किल हो रही है तथा डाक्टरों को औजारों का प्रयोग करना पड़ेगा। उसके कुछ देर बाद हमें बताया गया कि उनकी बहू को लड़का हुआ है और उसे वेंटिलेटर में रखा गया है।
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राणा ने बताया कि डिलीवरी के समय एसआर डाक्टर ही वहां थे, अन्य कोई वरिष्ठ डाक्टर न होने के कारण जब बच्चे को औजारों से बाहर निकला गया तो उसके माथे पर लगभग डेढ़ इंच लंबा व गहरा कट था, जिससे खून निकल रहा था। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 पर की, लेकिन अभी तक उन्हें कोई उत्तर नहीं मिला। किंतु टांडा के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा इसकी छानबीन करने के लिए गायनी की विभागाध्यक्ष को दी है।
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मगर वह इससे संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि उसी विभाग की लापरवाही और उसी से ही छानबीन करवाई जा रही है, यह कहां का इंसाफ है। उन्होंने मांग की है कि इसकी छानबीन निपुण डाक्टरों व प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में करवाई जाए। परिजनों ने यह भी मांग रखी कि उन्हें नवजात के माथे पर कट लगने का संतुष्ट कारण बताया जाए।
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