सोलन/शिमला: हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों के गड़बड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध तरीके से लोन बांटने का मामला सामने आया है।
प्रकरण में आरबीआई ने आरसीएस (रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसाइटी) को इस मामले में जांच के आदेश दिए है। बैंक के एमडी कर्मचंद शर्मा को हटाकर दो कर्यवाहक एमडी नियुक्त किए हैं।
क्या है पूरा मामला:
बतौर मीडिया रिपोर्ट्स बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में एमडी कर्मचंद शर्मा के कार्यकाल के समय में कई सारी अवैध वित्तीय लेनदेन हुई। जिसकी जानकारी धीरे-धीरे बैंक के कर्मियों को चली।
अवैध लोन बांटने के कारण कर्मियों को लोन की राशि रिकवर करने में समस्या आ रही है। जिस कारण बैंक में कार्यरत 131 कर्मियों को उनकी नौकरी जाने का डर सताने लगा। इस डर की वजह से उन्होंने एमडी कर्मचंद शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
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सूत्रों के अनुसार बैंक कर्मियों ने पूर्व एमडी सहित तीन अन्य बैंक अधिकारियों के खिलाफ एनपीए केस और रिकवरी में ढील देने की शिकायत दायर की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए एमडी को हटाया गया और जांच कमिटी बिठा दी गई।
क्या-क्या हुई है कार्रवाई:
- पूर्व एमडी कर्मचन्द शर्मा पर बैंक कर्मियों ने 170 पेज की चार्जशीट दायर की है।
- शिकायत के आधार पर बैंक संचालन कमेटी ने एमडी की वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियां छीन ली गई हैं।
- बैंक में बीते मई से अंदरूनी खींचतान चल रही है।
- आरबीआई ने बैंक पर 15 लाख की पेनल्टी लगाई है।
क्या-क्या हुई है गड़बड़ी:
- जांच कमेटी के हाथ एमडी के खिलाफ गंभीर अनियमितताएं लगी है।
- कई ऐसे डिफॉल्टर एनपीए पाए गए जो जमीन खरीद फरोख्त में शामिल है।
- जांच कमेटी के हाथ कुछ ऐसे तथ्य भी लगे है जिसमें बैंक में ट्रांसक्शन गलत हुई है।
- कई लोन में दस्तावेज ही पूरे नहीं है।
- मनी लॉन्ड्रिंग की बात भी सामने आ रही है।
- लोन के रिकवरी में बैंक को दिक्कत आ रही है।
- कुछ ही घंटों के फासले में कुछ खास लोगों को करोड़ों का कर्ज दे दिया गया।
बांटे गए लोन में एक व्यक्ति ऐसा भी है जिसको लोन ट्रांसफर किया गया और ट्रांसफर किए गए पैसे से एक बेशकीमती जमीन भी खरीदी गई।
कौड़ियों की भाव के जमीन पर मिले लाखों के कर्ज:
जिला सिरमौर से संबंध रखने वाले प्रशासनिक स्तर के एक ऐसे अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है। जिनकी पत्नी के नाम पर इसी बैंक से दौलतपुर उना तथा दतियार में पेट्रोल पंप लगाया गया है। जिसमें एक के लिए 75 लाख और दूसरे के लिए ₹20 लाख का ऋण इसी बैंक से लिया गया है।
मगर नियमानुसार जो प्रॉपर्टी ऋण की एवज में मोरगेज की जानी चाहिए थी। उसकी जगह शिलाई कि कोई जमीन गिरवी रखी गई है। जिस जमीन का दाम कौड़ियों के भाव है।
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यदि पेट्रोल पंप की जमीन लीज पर ली गई है पुलिस का जो एग्रीमेंट बना है वह बैंक में क्यों नहीं रखा गया है। इस प्रकार बहुत से ऐसे गड़बड़ झाले हैं जिसको लेकर बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने जांच की मांग की थी।
जांच कमिटी को हटाने का प्रयास:
वहीं, बैंक संचालन कमेटी के आरोप है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के शिमला ब्रांच ने बैंक को एमडी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए थे वो उनको बताया नहीं गया।
- बैंक में आज 10,400 शेयर होल्डर है।
- डिपॉज़िट कुल 765 करोड़ तक पहुंच गया है।
- कुल 550 करोड़ के लोन बांट चुके बैंक की प्रदेश में 11 शाखाएं है।
कई शेयर होल्डरों का कहना है कि बैंक से जुड़ी कुछ ताकतें भ्रष्टाचारियों को बचाने के षड्यंत्र रच रही है। मामले की निष्पक्ष जांच कर रही कमेटी को हटाने की कोशिश की जा रही है। मामला पीएम नरेंद्र मोदी के संज्ञान में लाया जा रहा है।
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