शिमला: परीक्षाओं का दौर खत्म होने के बाद अब परिणाम आने शुरू हुए हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने भी फाइनल इयर के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। इसी कड़ी में कठिन परिस्थितियों में पढाई कर कुछ छात्रों ने सफलता हासिल की है, जिसकी कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं...
चरवाहे की बेटी बनी वकील:
जिला कुल्लू के बंजार अंतर्गत सैंज घाटी के रैला पंचायत के शरण गांव की रहने वाली यान दासी के पिता का निधन हो चुका है। पारिवारिक परिस्थितियां प्रतिकूल होने के बावजूद यानी अब वकील बन गई है। हिमाचल प्रदेश बार काऊंसिल से प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो गया है।
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यानी वकालत की बारीकियों को सीखने के लिए कोचिंग ले रही हैं। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों और गुरुजनों को दी है। वहीं, पंचायत प्रधान और अन्य लोग घर पहुंच बधाई दे रहे हैं।
पिता-भाई के निधन के बावजूद मनवाया लोहा:
वहीं, दूसरी तरफ जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के शिलाई उपमंडल की ग्राम पंचायत नैनीधार निवासी रोनिक ठाकुर ने भी बीए फाइनल ईयर में 93% अंक हासिल कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।
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रोनिक के पिता का एक सड़क हादसे में वर्ष 2005 में निधन हो गया था। परिवार का सारा बोझ रोनिक के बड़े भाई के कंधों था। इसी बीच वर्ष 2017 में बड़े भाई का भी एक सड़क हादसे में निधन हो गया।
सपनों को किया साकार:
पिता के निधन के बाद मां को ऑपरेटिव बैंक में चपरासी के पद पर नौकरी लग गई थी। रोनिक परिवार के इस सभी चुनौतियों से लड़ते हुए बीए की परीक्षा में 93% अंक लाकर अपने पिता व भाई के सपने को साकार किया है।
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रोनिक की दो बड़ी बहनें हैं। जिनमें एक ही शादी हो गई है। वहीं, दुसरे बहन नाहन से नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। साथ ही रोनिक ने भी B.Ed की एंट्रेंस परीक्षा भी पास कर ली है। उसके जीवन का लक्ष्य प्रशासनिक अधिकारी बनना है, जिसके लिए वह कड़ी मेहनत करेंगे।
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