मंडी: हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। खासकर मंडी लोकसभा सीट को लेकर चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जनाधार मजबूत करने में लगी है। लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो मंडी संसदीय क्षेत्र में 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का जनाधार लगातार कम हुआ है।
वीरभद्र को मिली थी टक्कर:
2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा के महेश्वर सिंह को पराजित कर दिया था, लेकिन जीत का अंतर महज दो फीसद था। वीरभद्र सिंह को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा था। 17 में से आठ हलकों में बढ़त मिली थी।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस को सैनिक संगठन की वार्निंग, पाकिस्तान परस्त सिद्धू हिमाचल आया तो खैर नही
2004 में था बड़ा अंतर:
2004 के चुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह 66,566 मतों से जीती थीं। उस समय धर्मपुर हलका भी इस संसदीय क्षेत्र का हिस्सा था। 17 में से 13 हलकों में कांग्रेस को बढ़त मिली थी। भाजपा की बल्ह, गोपालपुर, धर्मपुर व जोगेंद्रनगर हलके में ही लाज बची थी।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: बेटे ने पुलिस को बताया- स्कूटी से मंदिर गए पिता घर नहीं लौटे, खोजने में करें मदद
2014 के चुनाव में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। वीरभद्रसिंह मुख्यमंत्री थे। कांग्रेस को 17 में से चार हलकों भरमौर, लाहुल-स्पीति, रामपुर व किन्नौर में ही बढ़त मिल पाई थी।
13 हलकों में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा को जादू लोगों के सिर पर चढ़कर बोला था। 2009 के चुनाव के मुकाबले रामपुर हलके में कांग्रेस के वोट बैंक करीब चार प्रतिशत की गिरावट आई थी। भाजपा को चार फीसद अधिक वोट मिले थे।
2019 में ढह गया था कांग्रेस का किला:
2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी में कांग्रेस के किले पूरी तरह ढह गए थे। 17 में से चार हलकों लाहुल-स्पीति, रामपुर, मनाली व किन्नौर में ही कांग्रेस प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा को 30 फीसद से अधिक वोट मिले थे। वह अपने गृह हलके सदर तो दूर अपने बूथ पर भी बढ़त हासिल नहीं कर पाए थे।
2017 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर भी गौर करें तो 17 में से 14 हलकों पर भाजपा का कब्जा है। कुल्लू, रामपुर व किन्नौर हलके में कांग्रेस को जीत मिली थी।
जयराम को करना पड़ा था हार का सामना:
मंडी संसदीय क्षेत्र में मई 2013 में उपचुनाव हुआ था। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने पर वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने संसद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उपचुनाव में प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा था। जयराम ठाकुर भाजपा प्रत्याशी थे। 17 हलकों से एक भी हलके में भाजपा को बढ़त नहीं मिली थी।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: मंदिर के पास पहुंचते ही खाई की ओर लटकी बस, 40 थे सवार-15 पहुंचे अस्पताल
जयराम ठाकुर का उनके हलके के लोगों ने भी साथ नहीं दिया था। रामपुर हलके में कांग्रेस को सर्वाधिक 79।61 प्रतिशत मत मिले थे। प्रतिभा सिंह करीब 1।39 लाख मतों से विजयी हुई थी। क्षेत्र के लोगों ने उपचुनाव में सत्ता पक्ष का साथ दिया था।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box. Thanks