शिमलाः हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए पूरे प्रदेश से नेता राजधानी शिमला स्थित पीटरहॉफ पहुंचे थे। इस दौरान सबके रहने का इंतजाम सर्किट हाउस में किया गया था। जहां वे दो दिन तक रुके भी परंतु इस बीच बीते कल एक गलतफहमी के चलते एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद को किया बाहर-
इसी के चलते वीवीआईपी कमरा नंबर 701 में ठहरे पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल व पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार को उनके कमरों से बाहर कर दिया। इसके बाद धूमल को 708 कमरा आवंटित किया गया परंतु वहां ठहरने के बजाय वे सीधा हमीरपुर की ओर रवाना हो गए।
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अपमान करवाने नहीं आए-
जबकि कृपाल परमार ने अधिकारियों को उनके कमरा बदलने पर काफी खरी खोटी सुनाई। उन्होंने तो यह तक कह डाला की वे यहां अपना अपमान करवाने नहीं आए हैं। मामला बिगड़ता देख अधिकारियों ने उन्हें कमर्शियल कमरा 601 आवंटित किया।
राज्य अतिथि के लिए आरक्षित हैं कमरे-
बता दें कि सर्किट हाउस में कमरा नंबर 701 से 708 तक व 602, 603,501 राज्य अतिथियों के लिए आरक्षित है। बावजूद उसके 701 कमरा धूमल को आवंटित कर दिया गया। जिस पर जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग ने कमरों के आवंटन पर सवाल खड़े कर दिए।
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इस मामले के संबध में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने हि. प्र. पर्यटन विकास निगस के विरष्ठ प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके साथ ही जीएडी सचिव ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने की निर्देश भी दिया।
एचपीटीडीसी ने अपने स्तर पर किया आवंटन-
जीएडी के अधिकारी ने इस सबंध में जानकारी देते हुए बताया कि एचपीटीडीसी के अधिकारियों ने आवंटन अपने स्तर पर किया है। उन्होंने इसे तुरंत खाली करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो भी कमरे राज्य अतिथि के लिए आरक्षित रखे गए हैं। वे पात्र व्यक्तियों को ही मिले।
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