शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित होटल पीटरहॉफ में आज JCC बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रदेश सरकार ने बीते उपचुनाव में करारी हार से सबक लेते हुए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सूबे के सरकारी कर्मियों को लुभाने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं।
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संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक इस बैठक के दौरान कई सारे तालियां बटोरने वाले ऐलान करने के बाद सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि 2021-22 का वार्षिक बजट 50192 करोड़ रुपये का है, इसमें से करीब 43 फीसद कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च होना है। मुख्यमंत्री ने कहा वेतन आयोग की सिफारिश के बाद अब वेतन और पेंशन पर सरकार के बजट का 50 फीसद खर्च होगा।
कर्ज लेकर दिया तोहफा
गौरतलब है कि ये सारे ऐलान करने से पहले कर्ज में डूबी हुई जयराम सरकार को 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेना पड़ा था। वहीं, हिमाचल के ऊपर इस वक्त उसके सालाना बजट से भी ज्यादा कर्ज लदा हुआ है।
क्या बाकी के बचे 50 फ़ीसदी बजट से हो जाएगा सूबे का विकास
ऐसे में आम जनता के मन में यह सवाल बार उठ रहा है कि अगर प्रदेश सरकार बजट का आधा हिस्सा सिर्फ सरकारी मुलाजिमों पर लुटा देगी, तो हमारे लिए क्या बचेगा। हैरत में यह बात भी डालती है कि क्या चुनाव से पहले सरकार को सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को ही लुभाना उचित लगा ? क्या सिर्फ कर्मचारी ही बनाते हैं सरकार ?
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