नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में बीते कल यानी बुधवार को हुई केंद्रिय कैबिनेट की बैठक में लड़कियों के विवाह की उम्र 18 से 21 साल करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब, इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान ऐलान किया था।
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वहीं, अब केंद्रीय सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 सहित स्पेशल मैरिज एक्ट व हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 में संशोधन का कानून लेकर आएगी। हालांकि, युवक की शादी की उम्र 21 ही है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 1978 में लड़कियों की शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 साल की गई थी।
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बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर जून 2020 में जया जेटली की अध्यक्षता में केंद्र टास्क फोर्स का गठन किया गया था। ताकि मां बनने की उम्र से संबंधित समस्याएं, मातृ मृत्यु दर को कम करने, पोषण स्तर में सुधार सहित अन्य मुद्दों की जांच की जा सके। इस फोर्स में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल भी शामिल थे। वहीं, दिसबंर 2020 को फोर्स द्वारा नीति आयोग से की गई सिफारिश के बाद कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाई है।
केंद्र टास्क फोर्स ने दिए ये सुझाव-
- फोर्स का कहना है कि इस फैसले को स्वीकार करने के लिए बड़े पैमाने पर जन जागरुकता अभियान चालया जाए।
- स्कूल और विश्वविद्यालय तक लड़कियों की पहुंच होनी चाहिए।
- दूरदराज के इलाकों में शिक्षण संस्थान होने पर परिवहन की भी व्यवस्था की जाए।
- कमेटी का कहना है कि सेक्स एजुकेशन भी होना चाहिए और उसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
- महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया गया है।
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