हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से बहुत ही हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां स्थित मेडिकल कॉलेज में एक युवक की मौत के पांच घंटे बाद तक उसके पिता को पहले पोस्टमार्टम के लिए इन्तजार कराया फिर टांडा जाने को कह दिया गया।
दुर्घटना में बुझ गया था चिराग:
बता दें कि ऊना जिले के बंगाणा निवासी कमलेश चंद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद बंगाणा पुलिस और परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कालेज हमीरपुर में लेकर पहुंचे। लेकिन यहां पर करीब पांच घंटे के बाद उन्हें टांडा भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें: 'साहब मुझे टीबी है भी नहीं और अस्पताल वाले दवा दे रहे, मना करने पर पुलिस केस की धमकी'
जिसके बाद मृतक के परिजनों ने विरोध करना शुरू किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि जब अस्पताल में पोस्टमोर्टम करने वाला डाक्टर छुट्टी पर था तो उनका समय क्यों बर्बाद किया गया। पांच घंटे पहले ही कह दिया जाता कि टांडा चले जाओ।
छुट्टी पर था पोस्टमार्टम डॉक्टर:
वहीं, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ रमेश चौहान का कहना है कि फोरेंसिक एक्सपर्ट का इस पोस्टमार्टम (Post-Mortem) के लिए होना जरूरी था और हमीरपुर में तैनात फोरेंसिक एक्सपर्ट अवकाश पर था, जिस वजह से परिजनों को पोस्टमार्टम करवाने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
यह भी पढ़ें: ओमिक्रॉन 'अलर्ट' के बीच क्रिसमस और New Year पर शिमला पहुंचेंगे 5 लाख सैलानी
चिकित्साधीक्षक के इस तर्क को परिजनों ने यह बताते हुए खारिज कर दिया कि जब एक्सपर्ट नहीं था तो पांच घंटे का इन्तजार किस उद्देश्य से कराया गया। अस्पताल प्रशासन की नजरों में गरीब के दुःख और मातम का कोई महत्व नहीं है।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box. Thanks