शिमलाः देश व प्रदेश में आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। फिर चाहे वो कोई भी फिल्ड क्यों ना हो। इस सब के बीच राजधानी शिमला की रहने वाली एक महिला ने अपने टैक्सी चालक बनने के सपने को पूरा करने हेतु सारी संकुचित अवधारणाओं को पीछे छोड़कर जी जान से मेहनत की और आज वो शिमला चंडीगढ़, दिल्ली समेत कई इलाकों में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
हम बात कर रहे हैं राजधानी शिमला स्थित पंथागाटी के तहत पड़ते दोची गांव की रहने वाली मीनाक्षी नेगी की। जिन्होंने आज पूरे सामज में ये साबित कर दिया है कि जिंदगी में परेशानियां चाहे जितनी भी क्यों ना आ जाए अगर आपके दिल-दिमाग में कुछ कर गुजरने की चाह है तो कोई आपको रोक नहीं सकता।
2004 से शुरु की थी ड्राइविंग
बता दें कि मीनाक्षी 2004 से वाहन चला रही हैं। परंतु कामर्शियल तौर पर उन्होंने पिछले चार साल से काम करना शुरु किया है। शुरुआती दौर में उनके रिश्तेदारों व आसपास के लोगों ने उन्हें ड्राइविंग ना करने को कहा। क्योंकि आज भी कहीं ना कहीं ये माना जाता है कि ड्राइविंग करना पुरुषों का काम है।
महिला चालक को देखकर दूर भागती थी सवारियां
इसके अलावा मिनाक्षी को सावरियों के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। लोग महिला चालक को देखकर ही सवारियां दूसरे वाहन का रुख कर लेती थीं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता बैसे-बैसे उन्होंने लोगों का भरोजा भी जीतना शुरु किया।
मिनाक्षी बोलीं अपने काम पर गर्व है
इस संबंध में मिनाक्षी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा पर अब बुरा समय खत्म हो गया है और अब वे गर्व के साथ काम कर रही हैं। वे कहती हैं कि हिमचाल में महिलाएं शुरक्षित हैं ऐसे में उन्हें यहां टैक्सी चलाने में ज्यादा डर नहीं लगता है।
बता दें कि मिनाक्षी के पति कोर्ट में काम करते हैं और उसकी दो बेटियां भी हैं। आज उनकी बेटियां शिमला के एक नामी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। ऐसे में मिनाक्षी घर खर्च चलाने में अपने पति का पूरा साथ दे रही हैं।
0 टिप्पणियाँ
Please do not enter any spam link in the comment box. Thanks