सरकार के पास भेजा प्रस्ताव
इस संबंध में विभाग की ओर से एक प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसे विभाग की ओर से मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा गया है। इसके तहत अब प्रदेश के कई सामुदायिक तथा सिविल अस्पतालों में डॉक्टर समेत तीन कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी, जिसमें एक फार्मासिस्ट तथा नर्स शामिल हैं।
अस्पतालों में उमड़ रही भीड़
इसका मकसद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है। मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा कर्मचारियों की कमी होने के कारण लोग साधारण बीमारी ( बुखार, खांसी, सर्दी) का उपचार करवाने के लिए अस्पताल का रुख कर रहे है। इस वजह से अस्पतालों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
विभाग ने मांगी डिटेल
इसी को मद्देनजर रखते हुए विभाग की ओर से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस संबंध में विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों से स्टाफ ना होने की सूची मांगी गई है। इसके अलावा विभाग ने उन कर्मचारियों का भी रिकॉर्ड मांगा है जो डेपुटेशन में इधर-उधर तैनात हैं। जबकि प्रदेश में कई ऐसे भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां अतिरिक्त स्टाफ तैनात है।
औषधालयों में भी स्टाफ की कमी
यहां तक की कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्होंने बीमारी का बहाना बनाकर तथा नेताओं से जुगाड़ लगाकर नजदीकी स्वास्थय केंद्र में अपनी तैनाती करवाई है। सरकार की ओर से ऐसे कर्मियों की सूची मांगी गई है। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा लगातार सरकार से औषधालयों में स्टाफ की कमी को पूरा करने को लेकर भी मांग उठाई जा रही है।
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