AAP को नहीं मिलेगा जमीन बनाने का समय:
बता दें कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात में नवंबर दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन भाजपा आलाकमान दोनों राज्यों में छह महीने पहले चुनाव कराने पर विचार कर रही है।
भाजपा को कवर करने वाले वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार यह तय माना जा रहा है कि दोनों राज्यों में समय से पहले चुनाव हो सकते हैं। इसके पीछे की वजह है कि आम आदमी पार्टी को सियासी जमीन तैयार करने के लिए भाजपा ज्यादा वक्त नहीं देना चाहती है।
गुजरात की बात करें तो वहां अरविंद केजरीवाल की टीम काफी पहले से सियासी जमीन तैयार करने में लगी हुई है। वहीं, पंजाब में मिली अप्रत्याशित जीत ने हिमाचल में भी आम आदमी पार्टी की राह आसान कर दी है।
PM मोदी का रोड शो था इशारा!
दोनों ही राज्यों में कांग्रेस पार्टी अंतिम सांसें गिन रही है। कमजोर विपक्ष से बन रही खाई को भरने की जुगत में आम आदमी पार्टी मजबूती से लगी हुई है। ऐसे में यदि हिमाचल में छह माह पहले चुनाव हो जाते हैं तो आम आदमी पार्टी को संगठन मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा।
उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में भाजपा को मिली जबरदस्त जीत के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में रोड शो के लिए निकल गए थे। पीएम मोदी के इस कदम को भी समय से पहले चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
पालमपुर अधिवेशन से भाजपा की तैयारी:
वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का दौरा लगातार जारी है। अभी दो दिन पहले ही पालमपुर में हुआ अधिवेशन इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। साथ ही मई-जून में शिमला नगर निगम के चुनाव भी होने हैं। आप पार्टी यहां भी अपनी दावेदारी पेश करने जा रही है।
ऐसे में भाजपा कांग्रेस दोनों नहीं चाहेगी कि हिमाचल में इन दो पार्टियों के अलावा तीसरा कोई पार्टी पैर फैलाए। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव तय समय पर होते हैं या फिर पहले।
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