शिमलाः हिमाचल प्रदेश में छात्रों को नशे से दूर रखने तथा शिक्षण संस्थानों को नशामुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से राज्य में इंटरग्रेटिड ड्रग प्रिवैंशन पॉलिसी-2022 लागू कर दी गई है। ऐसे में अब अगर सिक्षण संस्थानों में कोई भी विद्यार्थी किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पॉलिसी में ये है शामिल-
- इसके मुताबिक अब शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेते समय विद्यार्थियों को नशा न करने और इससे दूर रहने की अंडरटेकिंग देनी होगी।
- छात्रावास सहित शिक्षण संस्थानों के परिसर को नशामुक्त क्षेत्र घोषित करना अनिवार्य किया गया है।
- इस दौरान यदि विद्यार्थी किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन करते और इस तरह की गतिविधियों में पकड़े गए तो उन्हें संस्थानों से निष्कासित किया जाएगा।
- इसके अलावा नशे में संलिप्त लाए जाने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।
- इसके तहत शिक्षण संस्थानों में एंट्री ड्रग क्लब बनाने होंगे।
- इस क्लब के सदस्य शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को नशामुक्त करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करवाएंगे।
- एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवी, शिक्षक, अभिभावक और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को मामले में एक योजना तैयार करने को कहा गया है।
- इस संबंध में शिक्षण संस्थान पुलिस विभाग का भी सहयोग ले सकते हैं।
- इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों में सर्वे भी किया जाएगा। इस दौरान संस्थान में नशा करने वाले विद्यार्थियों को चिन्हित किया जाएगा।
- ऐसे विद्यार्थियों की काऊंसलिंग की जाएगी, साथ ही अभिभावकों को उनका मेडिकल ट्रीटमैंट करवाने का सुझाव भी दिया जाएगा।
- शिक्षण संस्थानों को परिसर में समय-समय पर नशे से दूर रहने के विषय को लेकर संबंधित विशेषज्ञ डाक्टरों को बुलाकर सैमीनार व विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाने के निर्देश भी दिए हैं।
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