हमीरपुरः हिमाचल प्रदेश के युवा कड़ी मेहनत व परिश्रम के दम पर अपने सपनों को साकार कर अपना व अपने प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हमीरपुर जिले स्थित नादौन की ग्राम पंचायत बरधयाड़ के गांव भगवानी की रहने वाली डॉ मधु कोंडल ने।
न्यूरोसाइंटिस्ट बनी मधु
बता दें कि मधु कोंडल का चयन इंग्लैंड में दिमागी बीमारियों पर शोध कर रही एक प्रतिष्ठित संस्था में बतौर न्यूरोसाइंटिस्ट पद के लिए हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर इलाके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। वहीं, डॉ मधु ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने परिवारजनों तथा अपने अध्यापकों को दिया है।
पिता हैं पूर्व सैनिक
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ मधु के पिता पुष्पेंद्र कुमार पूर्व सैनिक हैं, जबकि उसकी माता सुनीता देवी गृहणी हैं। उनका एक भाई भी है जो वर्तमान में इंग्लैंड स्थित एक कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ मधु के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय जीवाणी स्कूल से प्राप्त की। इसके उपरांत उन्होंने जमा दो की परीक्षा रैल स्कूल से पास कर हिमाचल विश्वविद्यालय से बी फार्मा की पढ़ाई की।
देश का किया प्रतिनिधित्व
लखनऊ व मेरण से मास्टर डिग्री ग्रहण कर उन्होंने दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने दिमागी लोगों पर रिसर्च किया इसके साथ ही उन्होंने न्यूरोसांइस सोसाइटी द्वारा आयोजित कई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भी भाग लिया। वे कई देशों में दिमागी रोगों पर अपनो शोध पत्र प्रस्तुत कर चुकी है। उन्होंने कई अंतराष्ट्रीय मंचों पर अपने देश का नाम रोशन किया है।
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