शिमलाः हिमाचल प्रदेश में मरीजों के तामीरदारों को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए HRTC की ओर से एक ट्रैवलर की शुरुआत बीते मंगलवार को की गई थी। जिसे खुद परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर द्वारा हरी झंड़ी दिखा कर रवाना किया गया था। परंतु हैरत की बात तो ये है कि निगम की ओर से इस ट्रैवलर को बिना किसी परमिट के ही शुरु कर दिया गया।
नहीं दिखा पाए कागजात
इसका पता तब चला जब ट्रैवलर पीजीआई पहुंची। जहां चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से जब चालक-परिचालक से ट्रैवलर संचालन संबंधित लिखित अनुमति मांगी गई तो उनके पास दिखाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं था। इस पर एक्शन लेते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने ट्रैवलर को जब्त करने की प्रक्रिया शुरु कर दी। इस दौरान चालक ने एचआरटीसी मुख्यालय को सूचित किया।
अधिकारियों ने कही जब्त ना करने की बात
इस पर अधिकारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन से ट्रैवलर को जब्त ना करने का आग्रह किया। इसके उपरांत प्रशासन की ओर से टेंपो ट्रैवलर को पीजीआई चंड़ीगढ़ से खाली ही वापस लौटा दिया गया। बता दें कि इस टैंपो ट्रैवलर को बीते मंगलवार को विधानसभा से परिवहन मंत्री द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर आईजीएमसी-पीजीआई रुप पर रवाना किया गया था।
मौखिक तौर पर दी थी अनुमति
बताया जा रहा है कि ट्रैवलर को शुरु करने से दो दिन पहले ही निगम के अधिकारी को सारी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए चंडीगढ़ भेजा गया था। इस दौरान वहां हुई बैठक के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन ने मौखिक तौर पर सेवा शुरु करने की अनुमति दी थी। वहीं, अब बुधवार सुबह अधिकारियों की ओर से लिखित अनुमति मांगी है।
जानें क्या बोले एमडी
इस संबंध में हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि कार्यालय में न होने के कारण टेंपो ट्रैवल को रोके जाने के विषय में जुझे जानकारी नहीं है। यदि कुछ औपचारिकताएं बाकी रह गई है तो उन्हें जल्द पूर कर गाड़ी का संचालन शुरु कर दिया जाएगा।
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