शिमला। जरूरत बगावत को जन्म देती है, बगावत क्रांति को और क्रांति से उपजते हैं नेता। ऐसे ही कुछ देखने को मिला हिमाचल प्रदेश में, जहां की राजधानी शिमला में सवर्ण आयोग के गठन की मांग लेकर एक बड़ा जनसमूह सड़कों पर उतरा और देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर ने देव भूमि पार्टी का गठन करने की बात कह चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
रूमित के इस ऐलान के बाद कार्यकर्ता बिखर गए
वहीं, यह ऐलान करते ही रुमित ठाकुर का उनके ही लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। रूमित ठाकुर के इस बयान पर कार्यकर्ता भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, कि राजनीति नहीं चलेगी।
बतौर रिपोर्ट्स रुमित ठाकुर से इस बयान से आहत कार्यकर्ता सड़क पर उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। बताया जा रहा है कि रूमित के इस ऐलान के बाद कार्यकर्ता बिखर गए हैं।
सीएम ने किया था आयोग के गठन का वादा
मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने यह तक कह दिया कि सत्ता का लालच था तो पहले बोल देते। गौरतलब है धर्मशाला में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सूबे के सीएम जयराम ठाकुर संगठन के कार्यकर्ताओं से आयोग का गठन करने का वायदा किया था।
वहीं, चुनावी साल होने की वजह से यह माना भी जा रहा था कि प्रदेश सरकार सूबे के सवर्ण वोट बैंक को रिझाने के लिए आयोग का गठन कर भी देगी लेकिन आज राजधानी में जो कुछ भी हुआ और अंत में रुमित ठाकुर इस तरह का ऐलान कर बैठे।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चक्कर में कमजोर किया आंदोलन
ऐसे में कहीं ना कहीं ऐसा प्रतीत होते है कि अपने व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षा को साधने के चक्कर में रुमित गुड़ का गोबर कर बैठे हैं। एक तरफ जहां उनके अपने लोग ही उनकी खिलाफत में उतर आए हैं।
वहीं, दूसरी तरफ इस तरह का ऐलान कर रुमित ठाकुर ने खुद को सरकार के आंखों की किरकरी बना लिया है। और तो और अब इस मसले पर अब शायद कांग्रेस भी उनका साथ ना दे क्योंकि अगर यह पार्टी बनती है, तो ये लोग कांग्रेस के लिए भी मुसीबत साबित हो सकते हैं।
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