हमीरपुर. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से बीते कल एक खबर सामने आई थी कि एक महिला नौकरी छोड़ने के 5 साल बाद तक वेतन ले रही थी। इसके बाद सवाल की जाने पर महिला ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि समझ कर सारी धन राशि खर्च कर चुकी है।
वहीं, अब इस मामले में नया मोड आ गया है। दरअसल, अब महिला का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से जमा करवाई गई रकम महिला के बेटे ने मोबाइल पर गेम खेलकर उड़ा दी है। इसके साथ ही साथ महिला द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर उनके बेटे को मोबाइल पर पबजी समेत अन्य गेम्स खेलने की लत लगाने का आरोप भी लगाया है।
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महिला ने आगे कहा कि उन्होंने बैंक में जाकर खाता चेक किया तो इसमें महज 6 रुपये 80 पैसे बैलेंस था। इतना ही नहीं विभाग द्वारा गलती से भेजे गए पैसों का गबन करने वाली महिला ने धमकी भरे लहजे में यह तक कह दिया है कि उनके परिवार को तंग किया गया तो विभाग के खिलाफ कोर्ट में केस करेंगी।
यहां जानें, क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीते कल शिक्षा विभाग से जुड़े हुआ एक वित्तीय फर्जीवाड़ा सामने आया था। जहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगवाड़ा में काम करने वाली मीड डे मील वर्कर को बीते पांच सालों से बिना किसी काम के ही विभाग की ओर से मासिक वेतन प्रदान किया जा रहा था, जबकि महिला 2017 में ही अपनी नौकरी छोड़ चुकी थी।
इस संबंध में जब स्कूल प्रधानाचार्य ने महिला को सारी धनराशि वापस करने को कहा गया तो इस पर महिला ने बताया था कि वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि समझ कर सारी धन राशि खर्च कर चुकी है।
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वहीं, अब सामने आ रही ताजा अपडेट के मुताबिक मिड-डे मील वर्कर ने बतया कि जब उसने बैंक जाकर अपना खाता चेक किया तो पाया कि उसके अकाउंट में मात्र 6 रुपए 80 पैसे बैलेंस ही शेष बचा है। महिला कहती है कि उसके बेटे को पबजी सहित कई गेमस खेलने की लत लगी हुई है। उसने सारी जमा राशि गेम खेलते हुए उड़ा दी है।
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अब महिला कहती है कि उसके पति मजदूरी का काम करते हैं। अगर उसके परिवार को पैसों को लेकर तंग किया गया तो वे इस संबंध में विभाग के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करेगी। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में तैनात उपनिदेशक ने दोनों अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए मामले को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि क्यों न मिड-डे मील वर्कर के खाते में गए डेढ़ लाख की रिकवरी इन दोनों शिक्षा अधिकारियों से की जाए।
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