मंडीः हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पेश आए एचआरटीसी बस हादसे में जान गंवाने वाले चालक की पत्नी को सरकार की ओर से नौकरी देने के आदेश जारी किए गए हैं। हादसा होने के मात्र 5 दिन के भीतर ही सरकार की ओर से ये निर्णय लिया गया है।
HRTC में मिली नौकरी
महिला को एचआरटीसी में चपरासी के पद पर नियुक्ति दी गई है। यह नियुक्ति अनुबंध आधार पर की गई है। इस संबंध में बीते शुक्रवार को एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक संतोष कुमार ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं।
परिवार का एकमात्र सहारा था नंद किशोर
बता दें कि मंडी हादसे में जान गंवाने वाला मृतक चालक नंद किशोर अपने पीछे बूढी मां, 25 वर्षीय पत्नी सहित 6 व 3 वर्ष के दो छोटे बच्चे तथा मानसिक रुप से बीमार बड़ा भाई छोड़ गया है। परिवार का एकमात्र सहारा नंद किशोर ही था।
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ऐसे में उसके चले जाने के बाद परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ ही टूट गया। परिवार के समक्ष घर खर्च की बड़ी समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में सरकार की ओर से अब श्रद्धांजलि के तौर पर मृतक की पत्नी को सरकार नौकरी दी गई है।
न्याय दिलाने में रहा इनका योगदान
स्व नंद किशोर की पत्नी को न्याय दिलाने के लिए युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव एवं बीडीसी सदर के उपाध्यक्ष भुवनेश ठाकुर ने महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह पूरा मामला पूरी प्रमुखता के साथ सरकार के समझ रखा।
37 लोगों की जान बचा गया नंद किशोर
बता दें कि बीते 4 अप्रैल को निगम की बस मनाली से शिमला जा रही थी। इस बीच जैसे ही बस मंडी जिले के तहत आते पंडोह डैम के पास पहुंची तो तकनीकी खरादबी के चलते अनियंत्रित हो गई।
ऐसे में ततपरता दिखाते हुए चालक नंद किशोर ने बस को रोकने के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए बस को सड़क के साथ लगती पहाड़ी से टकरा दिया। इस हादसे में चालक में चालक सहित एक 13 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। हालांकि, इस दुनिया से जाते-जाते वह 37 लोगों को जीवनदान दे गया।
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