ऊनाः हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के तहत आते बंगाणा उपमंडल के सैली में जंगल की आग बुझाते वक्त आग में झुलसे वन रक्षक राजेश कुमार की पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं, आज उनकी देह पैतृक गांव बदोली पहुंची। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
वन मंत्री सहित कई अधिकारियों ने दी अंतिम विदाई
इस उपलक्ष पर उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए वन मंत्री राकेश पठानिया, डीसी ऊना राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों से राजेश कुमार को अंतिम विदाई दी। इस दौरान पूरा इलाका राजेश कुमार अमर रहे तथा जब तक सूरज चांद रहेगा राजेश कुमार का नाम रहेगा के नारों से गुंज उठा।
सरकार करेगी हर संभव मदद
मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाला राजेश कुमार अपने पीछे पत्नी व दो छोटे बच्चे छोड़ गया है। उधर, इस मौके पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने प्रभावित परिवार को ढांढस बंधाया। साथ ही परिवार की हरसंभव सहायता करने की बात भी कही।
वन मंत्री बोलेः मिलेगी सरकारी नौकरी
उन्होंने कहा कि शहीद राजेश कुमार ने पूरे कर्तव्य से अपना कार्य निर्वहन किया है। उन्होंने काम के प्रति पूरी निष्ठा का परिचत देते हुए अपने फर्ज के लिए कुर्बानी दी है। प्रदेश सरकार उन्हें शहीद का दर्जा देगी। उन्होंने कहा कि यह मामला कैबिनेट में ले जाया जाएगा और शहीद के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी। साथ ही पत्नी को नियमानुसार पेंशन भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन ऊना परिवार के हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।
जंगल में आग बुझाते समय झुलसे थे राजेश कुमार
बता दें की बीती 20 मई को मैली के पास जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए कुछ वनकर्मियों का समूह गया हुआ था। इस बीच उन्होंने आग पर तो काबू पा लिया परंतु तेज हवाएं चलने के कारण राजेश कुमार आग की लपटों की चपेट में आ गया। इस वजह से वह बुरी तरह झुलस गए। इसके उपरांत उन्हें उपचार हेतु क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। परंतु हालत ज्यादा गंभीर होने के चलते उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
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